इस बार गरुड़ और नारायण दोनों ही बहुत तेजी से उतरे नीचे, क्या है इसके मायने

 चार धाम यात्रा का शुभारंभ हो गया है। बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने मैं अब महज दो दिन शेष रह गए है। ऐसे मैं कपाट खुलने की तैयारियां भी शरू हो गई है। तिल तेल गाडू घड़ा जोशीमठ के नरसिंह मंदिर पहुच गया है। कल सुबह नरसिंह मंदिर मैं पूजा अर्चना के बाद तेल कलश गाडू घड़ा और बद्रीनाथ धाम के पुजारी रावल पाण्डुकेश्वर के लिये रवाना होंगे।

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बात दे कि भू बैकुंठ बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की परंपराएं प्रारंभ हो चुकी है। इसी कड़ी में जोशीमठ के नरसिंह मंदिर स्थित देव पूजाई समिति के भवन में गरुड़ छाड़ मेले का आयोजन किया गया। गुरुवार को आयोजित हुए इस धार्मिक मेले के दौरान नारायण गरुड़ संग एक कई किलोमीटर लंबी रस्सी के सहारे 6 माह बाद एक बार फिर अपने भक्तों को दर्शन देने उनके बीच पहुंचे।

उपस्थित पंडे पुरोहितों ने 25 प्रकार के दीपको से नारायण की आरती उतारी।बद्रीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल बताते हैं, कि प्रतिवर्ष यात्रा शुरू होने से पहले इस मेले का आयोजन बड़े ही धूमधाम के साथ किया जाता है। कहते हैं, कि 6 माह की शीतकालीन कपाट बंदी के बाद नारायण से एक बार फिर अपने भक्तों के बीच उपस्थित होने व दर्शन देने का आग्रह किया जाता है। जिसके बाद नारायण अपने वाहन गरुड़ संग भक्तों के बीच पुनः उपस्थित होते हैं,  व बद्रीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल के साथ पांडुकेश्वर होते हुए धाम के लिए रवाना हो जाते हैं। Read more


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