To avenge the murder of his father, instead of the gun, he picked up a book and became an IPS

 उत्तर प्रदेश के जौनपुर के रहने वाले सूरज कुमार राय बचपन से ही पढ़ाई में होशियार थे। परिवार भी अपने इस होनहार बच्चे का पूरी तरह से सहयोग कर रहा था। पिता ने ठान लिया था कि बेटा जो चाहे और जितना चाहे उतना पढ़ेगा। सूरज भी मन ही मन इंजीनियर बनने का इरादा कर चुके थे। लेकिन, कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई में जुटे थे लेकिन एक दिन अचानक उनके पिता की हत्या की दुःखद खबर सामने आई। पिता के हत्यारों को सलाखों के पीछे डालने के लिए वह कोर्ट-कचहरी और पुलिस दफ्तरों के चक्कर काटते रहे, लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिला। यहीं से उन्होंने इंजीनियर की बजाय आईपीएस बनने की ठानी और इस सिस्टम में उनके जैसे लोगों को निःस्वार्थ न्याय दिलाने के लिए कई बार परीक्षा में फेल होने के बाद भी हार नहीं मानी। उन्होंने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए बंदूक की जगह किताब उठाई और एक दिन आया जब वह आईपीएस भी बन गए। Read more



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