पहले राजनीति समाज सेवा के लिए होती थी, लेकिन अब राजनीति व्यापार बन कर रह गई है. राजनीति के इस बदले दौर में आज हम अपनी पॉलिटिकल स्टोरी में ऐसे नेता की बात कर रहे हैं जो चार बार सांसद रहे, केंद्रीय मंत्री रहे और संसद में तो आधा दर्जन से अधिक समितियों के सदस्य रहे, लेकिन उन्होंने अपना पूरा जीवन किराये के मकान में काटा और कभी एक स्कूटर तक नहीं खरीद सके, जिंदगीभर रोजवेज की बसों में ही उन्होंने सफर किया. Read more

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