नई दिल्ली, ब्यूरो। 74 दिनों से देश ही नहीं विदेश में भी आलोचनाओं से लेकर तमाम प्रतिक्रियाओं के कारण चर्चाओं में आए हिजाब विवाद पर आखिर कर्नाटक हाईकोर्ट ने आज मंगलवार को फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने इससे संबंधित छात्राओं और अन्य सभी लोगों की याचिाकाओं को खारिज करते हुए निचली अदालत का फैसला बरकरार रखा। साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। स्कूल-काॅलेज में निर्धारित डेªस कोड या यूनिफाॅर्म के साथ ही जाना होगा। ऐसे में कई दिनों से विवादों में रहे इस मामले पर आखिर कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। इससे लंबे समय से चल रहे विवाद पर भी विराम लगा है।
आपको बता दें कि अब कर्नाटक के स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पहनने की इजाजत नहीं मिलेगी। कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को यह फैसला दिया। पिछले 74 दिन से इस मामले पर जारी घमासान को लेकर दिए फैसले में हाईकोर्ट ने दो अहम बातें कहीं। पहली- हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। दूसरी- स्टूडेंट्स स्कूल या कॉलेज की तयशुदा यूनिफॉर्म पहनने से इनकार नहीं कर सकते।
मंगलवार को फैसला सुनाने से पहले हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रितुराज अवस्थी ने कहा कि इस मामले में दो सवालों पर गौर करना अहम है। पहला- क्या हिजाब पहनना आर्टिकल 25 के तहत धार्मिक आजादी के अधिकार में आता है। दूसरा- क्या स्कूल यूनिफॉर्म पहनने को कहना इस आजादी का हनन है। इसके बाद हाईकोर्ट ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर बैन को सही ठहराया। वहीं, हिजाब विवाद पर फैसले से पहले ही कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रितुराज अवस्थी के घर के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। राजधानी बेंगलुरु समेत कर्नाटक के पांच जिलों में धारा 144 लागू करके सभी प्रकार के जुलूस और लोगों के जमावड़े पर रोक लगा दी गई थी। इधर, पूरे दक्षिण कर्नाटक में धारा 144 लगाकर स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए थे। Read more
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