देहरादून, ब्यूरो। एक दिन बाद उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। ऐसे में कई दिनों से वोटिंग को लेकर प्रचार-प्रसार कर रहे निर्वाचन आयोग के सामने इस बार भी वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने की चुनौती है। पर्वतीय जिलों कई कारण हैं जिससे वोटिंग प्रतिशत में लगातार गिरावट देखी गई है।
पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो अल्मोड़ा के सल्ट में सबसे कम जबकि हरिद्वार के लक्सर विधानसभा में सबसे अधिक 81.95 मतदान हुआ था। साथ ही हरिद्वार ग्रामीण और पिरान कलियर विधान सभा में भी 80 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। पांच साल पहले की चिंताएं अभी भी बरकरार हैं। ऐसे में अब देखना होगा कि पहाड़ और मैदान में वोटिंग प्रतिशत में कितना अंतर आएगा यह आने वाले 10 मार्च को सामने आएगा। आपको बता दें कि 2017 में विधानसभा चुनाव में कुल मतदान का प्रतिशत 65.60 था।
यूएसनगर, नैनीताल, हरिद्वार और उत्तरकाशी को छोड़कर शेष जिलों का मतदान प्रतिशत राज्य के औसत से कम था। दूसरी ओर पौड़ी की लैंसडाउन और चैबट्टाखाल के साथ ही टिहरी की घनसाली सीट में भी पचास प्रतिशत से कम मतदान हुआ था। Read more

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