रुद्रप्रयाग (नरेश भट्ट): तृतीय केदार से विश्व विख्यात भगवान तुंगनाथ धाम बर्फबारी से ढक चुका है। यहां मंदिर में पांच से छः फीट तक बर्फ जमी है। बर्फबारी का आनंद उठाने के लिए सैकड़ों की संख्या में पर्यटक हर दिन यहां पहुंच रहे हैं। हालांकि तुंगनाथ भगवान के कपाट बंद है, बावजूद इसके पर्यटक यहां पहुंचकर बर्फबारी का आनंद लेकर बाबा का आशीर्वाद ले रहे हैं।
बता दें कि समुद्रतल से तेरह हजार फुट की ऊंचाई पर तुंगनाथ मंदिर है, जो पंचकेदारों में एक केदार है और सबसे ऊंचाई पर भी स्थित है। यह मंदिर हजारों वर्ष पुराना माना जाता है और यहां भगवान शिव की पंच केदारों में से एक के रूप में पूजा होती है। ऐसा माना जाता है की इस मंदिर का निर्माण पाण्डवों ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया था, जो कुरुक्षेत्र में हुए नरसंहार के कारण पाण्डवों से रुष्ट थे। तुंगनाथ की चोटी तीन धाराओं का स्रोत है, जिनसे अक्षकामिनी नदी बनती है। चोपता राजमार्ग से तुंगनाथ मंदिर तीन किलोमीटर दूर स्थित है। कहा जाता है कि पार्वती माता ने शिव को प्रसन्न करने के लिए यहां ब्याह से पहले तपस्या की थी। तुंगनाथ धाम से डेढ़ किमी की चढ़ाई चढ़ने के बाद चैदह हजार फीट पर चंद्रशिला नामक चोटी है। जहां पहुंचकर मानो स्वर्ग की प्राप्ति होने लगती है।
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