बैक डेट में शिक्षकों की नियुक्ति के आदेश करने पर ये शिक्षा अधिकारी निलंबित…

 

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देहरादून (संवाददाता): बैक डेट में शिक्षकों की नियुक्ति के आदेश करने पर उत्तराखंड शासन ने जिला शिक्षा अधिकारी हरिद्वार को निलंबित कर दिया है। मामला डीएम के संज्ञान में आने के बाद शासन स्तर पर पहुंचा तो इस पर कड़ी कार्रवाई अमल में लाई गई। उत्तराखंड शासन के सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम की ओर से जारी आदेश के अनुसार,
“श्री विद्याशंकर चतुर्वेदी, प्रभारी मुख्य शिक्षा अधिकारी, हरिद्वार (जिला शिक्षा अधिकारी, प्रा०शि०, रुद्रप्रयाग) के विरुद्ध उत्तराखण्ड राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू होने के उपरान्त मुख्य शिक्षा अधिकारी, कार्यालय, हरिद्वार में पूर्वतिथि (Back Date) में अध्यापकों को नियुक्ति पत्र जारी किए जाने तथा समायोजन की कार्यवाही किए जाने के दृष्टिगत जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी, हरिद्वार द्वारा अपने पत्रांक- 02/मु०व०अघि जि०अधि/2022 दिनांक 09.01.2022 के साथ संलग्न मुख्य विकास अधिकारी हरिद्वार के पत्र संख्या 4051 / पी०ए०-2022 दिनांक 09.01.2022 द्वारा जांच आख्या उपलब्ध करायी गयी है तथा मुख्य शिक्षा अधिकारी की भूमिका संदिग्ध प्रतीत होने का उल्लेख करते हुए शासन से मुख्य शिक्षा अधिकारी हरिद्वार के निलम्बन तथा उनके विरुद्ध विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही किए जाने की प्रबल संस्तुति की गयी है।

2 उपरोक्त के आलोक में श्री विद्याशंकर चतुर्वेदी, प्रभारी मुख्य शिक्षा अधिकारी, हरिद्वार (जिला शिक्षा अधिकारी, प्रा०शि०, रूद्रप्रयाग) की प्रथम दृष्टया संदिग्ध भूमिका एवं आरोप की गम्भीरता के दृष्टिगत श्री चतुर्वेदी को तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जाता है।

3 निलम्बन अवधि में श्री चतुर्वेदी को वित्तीय नियम संग्रह खण्ड-2 भाग 2 से 4 के मूल नियम-53 के प्रावधानों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि अद्भवेतन पर देय अवकाश वेतन की राशि के बराबर देय होगी तथा उन्हें जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि पर मंहगाई भत्ता, यदि ऐसे अवकाश वेतन पर देय है, भी अनुमन्य होगा, किन्तु ऐसे अधिकारी को जीवन निर्वाह के साथ कोई मंहगाई भत्ता देय नहीं होगा, जिन्हें निलम्बन से पूर्व प्राप्त वेतन के साथ मंहगाई भत्ता अथवा मंहगाई भत्ते का उपांतिक समायोजन प्राप्त नहीं था। निलम्बन के दिनांक को प्राप्त वेतन के आधार पर अन्य प्रतिकर भत्ते भी निलम्बन की अवधि में इस शर्त पर देय होंगे, जब इसका समाधान हो जाय कि उनके द्वारा उस मद में व्यय वास्तव में किया जा रहा है, जिसके लिए उक्त प्रतिकर भत्ते अनुमन्य है।

4 उपर्युक्त प्रस्तर में उल्लिखित मदो का भुगतान तभी किया जायेगा, जब श्री विद्याशंकर चतुर्वेदी इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें कि वे किसी अन्य सेवायोजन, व्यापार, वृत्ति व्यवसाय में नहीं लगे है।

5 श्री विद्याशंकर चतुर्वेदी निलम्बन की अवधि में महानिदेशालय, विद्यालयी शिक्षा, उत्तराखण्ड, देहरादून में सम्बद्ध रहेंगे। राज्यपाल के आदेश से,
(आर मीनाक्षी सुन्दरम) सचिव”

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