देहरादून, ब्यूरो। उत्तराखंड में एक माह बाद 14 फरवरी को मतदान होना है। फिर भी भाजपा हो या कांग्रेस दोनों ही पार्टियां अपने उम्मीदवार घोषित नहीं कर पाई है। वहीं, इस मामले में आम आदमी पार्टी और उत्तराखंड क्रांति दल ने एक एदम आगे बढ़ते हुए अपने प्रत्याशियों की दो-दो सूचियां जारी कर दी हैं। दूसरी ओर विशेषज्ञों का कहना है कि नामांकन से कुछ दिन पहले ही प्रत्याशी के नाम पर बड़ी पार्टियां लगाएंगी। ऐसा इसलिए क्यों कि भाजपा और कांग्रेस दोनों के नेताओं में एक अजीब सी भगदड़ का माहौल वर्तमान में बना हुआ है।
कब कौन नेता, विधायक और मंत्री किस पार्टी में चले जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता है। कहीं नहीं चुनाव से पहले अपना भविष्य बनाने के साथ ही अपने करीबियों के हित साधने के लिए राज्य प्रमुख पार्टी भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज प्रत्याशियों की सूची आने का इंतजार कर रहे हैं। हो सकता है कई दिग्गज ऐसे हैं जिनके इशारे पर पूरी नीति और रीति तय हो रही हो। ऐसे में दोनों ही पार्टी भाजपा हो या कांग्रेस के संगठन के लोग गहन अध्ययन के साथ ही पार्टी उम्मीदवार का चयन कर रहे हैं। किस से पार्टी को कितना फायदा होगा इसका भी अनुमान लगाया जाएगा। साथ ही कौन जिताऊ है कौन नहीं इसका गुणा-भाग भी जारी है।आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी और उत्तराखंड क्रांति दल ने अपने प्रत्याशियों की दो सूचियां जारी कर दी हैं।
दूसरी ओर भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों एक भी सूची अभी तक जारी नहीं की है। कहीं न कहीं दोनों ही पार्टियों को बगावत, भीतरघात और दल बदल करने का डर है। रणनीतिकारों का मानना है कि जितनी देर में सूची जारी होगी बगावत करने वाले नेताओं को नामांकन के साथ चुनाव लड़ना है या नहीं इसे सोचने का काफी कम वक्त रह जाएगा। ऐसे में दोनों ही पार्टियां अपने प्रत्याशियों की धड़कनें फिलहाल बढ़ाए रखना चाहती है। सूत्रों के अनुसार एक दिन बाद कांग्रेस की पहली सूची आ सकती है। इसके साथ ही भाजपा की सूची भी जारी होने जा रही है।
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