नई दिल्ली, ब्यूरो। एक फरवरी से जहां चुनाव की बड़ी रैलियों की अनुमति चुनाव आयोग की ओर से मिलने जा रही थी, वहीं आज चुनाव आयोग ने इस तिथि को 11 फरवरी तक आगे बढ़ा दिया है। हालांकि इस दौरान 1000 लोगों तक की छोटी रैलियां करने पर छूट रहेगी। साथ ही पार्टियों या प्रत्याशियों के अब 10 की बजाय 20 समर्थक डोर-टू-डोर कैंपेन कर सकते हैं। साथ ही इनडोर बैठक में 500 लोगों को शामिल किए जाने की अनुमति चुनाव आयोग की ओर से दी गई है।
एक ओर जहां कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में चुनाव आयोग के सामने पांच राज्यों में चुनाव करवाने की बड़ी जिम्मेदारी है। ऐसे में फिलहाल जहां बड़ी रैलियों पर रोक लगा रखी थी वह एक दिन बाद यानी 1 फरवरी 2022 से शुरू होनी थी। इससे पहले ही चुनाव आयोग ने आज सोमवार को पांच राज्यों में होने वाले चुनाव के लिए नई गाइडलाइन जारी की है।
आज सोमवार को केंद्रीय चुनाव आयोग ने बैठक के बाद फैसला किया कि अब छोटी-छोटी जनसभाएं की जा सकेंगी। इन छोटी सभाओं में 1,000 लोग शामिल हो पायेंगे। इनडोर मीटिंग में 500 लोगों को शामिल करने की छूट रहेगी। साथ ही चुनाव आयोग ने अब डोर-टू-डोर कैंपेन करने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ाई है। पहले 10 लोगों को ऐसे प्रचार करने की अनुमति थी, इसे अब 20 कर दिया गया है। यानी 20 लोग घर-घर जाकर प्रचार-प्रसार कर सकते हैं। हालांकि इस दौरान कोरोना नियमों का भी पालन करना होगा।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर, गोवा समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव सात चरणों में प्रस्तावित हैं। उत्तराखंड में 14 फरवरी को वोटिंग होनी है। ऐसे में राज्य के नेताओं के पास अब बड़ी रैलियों की बजाय छोटी-छोटी रैलियों करने का ही समय मिलेगा। 11 फरवरी के बाद दो दिन ही शेष रहते हैं। ऐसे में प्रचार करना राजनैतिक दलों और प्रत्याशियों के लिए भी इस बार एक बड़ी चुनौती है। सोशल मीडिया और मीडिया के माध्यम से ही वह लोगों तक पहुंच रहे हैं।
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