टिहरी।(संवाददाता- बलवंत रावत) : जिला प्रशासन के निर्देश पर समाज कल्याण एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से नरेंद्रनगर स्थित सामुदायिक विकास भवन के झंडा मैदान में दिव्यांगजनों के समस्त प्रकार के दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाये जाने के उद्देश्य से एक दिवसीय दिव्यांग शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में 139 लोगों ने पंजीकरण कराया, जिनमें से 67 लोगों को विकलांग प्रमाण पत्र वितरित किए गए।
शिविर में समाज कल्याण विभाग की ओर से एक अपंग व्यक्ति को व्हीलचेयर, एक अन्य को एक जोड़ी बैसाखी, 5 को छड़ी, चार व्यक्तियों को कान की मशीन तथा एक को वाकर नि:शुल्क प्रदान किए गए।
शिविर में दिव्यांगजनों के साथ आये परिजनों को उस वक्त बड़ी निराशा हाथ लगी जब डॉक्टरों की टीम ने मानसिक रूप से ग्रसित ऐसे रोगियों जो आपस में झगड़ जाते हैं, वाहनों पर पत्थर मारते हैं उनके प्रमाण पत्र बनाने से यह कहकर मना कर दिया कि ऐसे लोगों के प्रमाण पत्र बनाने का कोई शासनादेश उनके पास नहीं है, इससे परिजनों के चेहरों पर निराशा साफ झलक रही थी और उनमें प्रदेश सरकार और शासन के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश था।
मानसिक रूप से ग्रसित गलत व्यवहार वाले रोगियों के परिजनों का साफ कहना था कि जिला प्रशासन द्वारा जारी पत्र में स्पष्ट उल्लेख था कि शिविर में मुख्यतः मानसिक रूप से दिव्यांगजनों के दिव्यांग प्रमाण-पत्र बनाये जायेंगे, इसी उम्मीद को लेकर परिजन मानसिक रोगियों को लेकर शिविर में आये थे, मगर प्रमाण-पत्र न बनने पर उनमें भारी आक्रोश था।
शिविर में आए लोगों ने मांग की है कि मानसिक रूप से उदंड व्यवहार के मानसिक रोगियों के प्रमाण पत्र बनाने हेतु सरकार शासनादेश जारी करे।
लोगों का कहना था कि उदंड किस्म के व्यवहार वाले मरीजों के लिए सेलाकुई स्थित मानसिक अस्पताल में ना रहने की और न ही मरीज को भर्ती करने की उचित सुविधा की व्यवस्था है, ऐसे मरीजों का इलाज सिर्फ परिजनों के भरोसे है, लिहाजा सरकार ऐसे मरीजों की पेंशन सुविधा के लिए शासनादेश जारी करे, ताकि इनके प्रमाण पत्र भी बन सकें।
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