केदारनाथ में फौलादी मजदूर माइनस डिग्री में भी पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने मे जुटे।

 

Kedarnath devbhoomi

Kedarnath में फौलादी मजदूर खून जमाने वाली ठंड में भी कार्य कर रहे हैं

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ आपदा के बाद से केदारपुरी में पुनर्निर्माण कार्य जोरों पर चल रहे हैं। धाम में शीतकाल के समय भी मजदूर कार्य में जुटे रहते हैं। जिस ठिठुरन भरी ठंड में लोग आग तापकर शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं, वहीं केदारनाथ में माइनस डिग्री में भी मजदूर कार्य में जुटे रहते हैं। धाम में ढाई सौ से अधिक मजदूर अलग-अलग निर्माण कार्यो में लगे हुए हैं। कड़ाके की ठंड में तमाम परेशानियों से जूझने के बावजूद पूरे जोश के साथ मजदूर कार्य करने में लगे हैं। धाम में कभी-कभार हल्की बर्फवारी भी हो रही है।

15 degrees in Kedarnath, yet workers are engaged in reconstruction devbhoomi

केदारनाथ में फौलादी मजदूर कर रहे पुनर्निर्माण कार्य। 250 से अधिक मजदूर धाम में माईनस 15 डिग्री तामपान में कर रहें है काम

पहाड़ी क्षेत्रों में नवंबर माह आते ही ठंड का असर ज्यादा पड़ने लगता है। ऐसे में लोग गर्म कपड़ों के साथ ही अपने शरीर को ठंड से बचाने के लिए अलग-अलग उपाय करते हैं। जहां लोग हल्का सा मौसम खराब और बारिश होने पर रूम हीटर से लेकर चूल्हे की आग तापने का काम करते हैं, वहीं समुद्रतल से 11,700 फिट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम में मजदूर पुनर्निर्माण कार्यों में जुटे हुए रहते हैं। दिसंबर का माह शुरू हो गया है और केदारनाथ में तापमान माईनस 15 डिग्री चल रहा है और कार्य करने वाले मजदूरों का जोश कड़ाके की ठंड भी नहीं डिगा पा रही है। हड्डियों को गला देने वाली ठंड में भी केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य जारी है। ठंड होने के बावजूद यहां की जीवन चर्या पूरी तरह बदल जाती है। पहले अपना शरीर को बर्फ के अनुकूल ढालना और फिर कार्य करना। बर्फवारी होने पर कोई नुकसान न पहुंचे, इसके लिए पूरी रात भर सतर्क रहना पड़ता है। केदारनाथ में इन दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डीएम प्रोजेक्ट में शामिल द्वितीय चरण के पुर्ननिर्माण कार्य चल रहे हैं। जिसमें चिकित्सालय भवन, तीर्थ पुरोहितों के घर, पुलिस चैकी, बाढ़ सुरक्षा कार्य, देवस्थानम बोर्ड के भवन आदि कार्य चल रहे हैं। इन सभी कार्यो में ढाई सौ से अधिक मजदूर जुटे हुए हैं। केदारनाथ धाम में सत्य साईं बिल्डर्स एंड कांट्रेक्टर कंपनी के दो सौ से ज्यादा मजूदर कार्यरत हैं, जबकि वुड स्टोन कंस्ट्रक्शन कंपनी के 58 मजदूर पुर्ननिर्माण कार्य में जुटे हैं। आने वाला समय इन मजदूरों के लिए और अधिक कठिन परीक्षा लेगा। हालांकि केदारनाथ धाम में जब तक बर्फ नहीं जम जाती, तब तक कार्य गति से चलते रहेंगे। यहां पर बर्फ जमने पर मजदूर कार्य को छोड़कर नीचे आ जायेंगे। ठंड बढ़ने पर केदारनाथ में सात से आठ फीट बर्फ जम जाती है। जिसके बाद केदारनाथ में निर्माण कार्य करना संभव नहीं हो पाता है, ऐसे में मजदूर वापस लौट जाते हैं।

वुड स्टोन क्रस्ट्रक्शन कंपनी के केदारनाथ प्रभारी मनोज सेमवाल ने बताया कि केदारनाथ में इन दिनों ठंड काफी बढ़ गई है, इसके बावजूद वुड स्टोन कंपनी के 58 से अधिक मजदूर कार्य कर रहे हैं, जबकि अन्य कंपनी के दो सौ से अधिक मजदूर भी अन्य कार्यो में लगे हुए हैं। उन्होंने बताया कि केदारनाथ में बर्फ जमने पर कार्य करना मुश्किल हो जाता है। सात से आठ फीट बर्फ जम जाने के बाद तीन से चार माह तक कार्य पूरी तरह प्रभावित रहता है। वर्तमान में केदारनाथ में बर्फ नहीं जमी है, जिससे निर्माण कार्य चल रहे हैं। जब तक बर्फ नहीं जम जाती, कार्य जारी रखा जाएगा।
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